Saturday, March 4, 2017

अफसोस


वो छुप सकते थे पहलू में
मगर मैने नही रोका,,
जिन्हे औरों की चाहत हो
वो हर्गिज बन्ध नही सकते------
खोजते रहते है जो जिन्दगी को
दर-बदर हरदम,,
अपने दहलीज का घूॅघट भी
जो उठा नही सकते--
कसम से चाहता है दिल
लगा दूॅ आग गुरुबत को,,
तमाशा देखने वाले
धुॅऐ से जल नही सकते----

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