हम लुटते जा रहे थे हसरतों के नाम पर
छलती रही वफा हमें अपनो के नाम पर
सोचा था कि चलते रहेंगे साथ रास्ते
जुदा हुई है राह मंजिलों के नाम पर
-शुभरात्री
नीरू"निराली"
Saturday, April 1, 2017
हर पल सुख के समुन्दर मे तैरती हूॅ
खोई हुई लहरों को,,
भले ही साहिल की तलाश हो
मै तो तुझमें ही मजधार, पतवार
और फिर किनारा ढूँढती हूॅ----------
नीरू"निराली"