Wednesday, April 5, 2017

हम लुटते जा रहे थे हसरतों के नाम पर
छलती रही वफा हमें अपनो के नाम पर
सोचा था कि चलते रहेंगे साथ रास्ते
जुदा हुई है राह मंजिलों के नाम पर
-शुभरात्री
नीरू"निराली"

Saturday, April 1, 2017

हर पल सुख के समुन्दर मे तैरती हूॅ
खोई हुई लहरों को,,
भले ही साहिल की तलाश हो
मै तो तुझमें ही मजधार, पतवार
और फिर किनारा ढूँढती हूॅ----------
नीरू"निराली"