Thursday, January 18, 2018

गजल

ज़िद में आई तो बदनाम कर दूँगी
तेरी कसम मै तुझे बेनाम कर दूँगी

ऐ मुहब्बत अपनी हद में रह "वरना"
कत्ल तेरा सरेआम कर दूँगी

No comments:

Post a Comment