बन्द पलकों में कहानी मेरी
हर नज़र फिर भी दीवानी मेरी--!
फूल खिलते है बहारों में मगर
अधखिली है रातरानी मेरी--!
सब नजारों से कहो दूर रहें
ढल चुकी अब तो जवानी मेरी--!
आइना ढूढ रहा मुझ सा हंसी
पूछता मुझसे जुबानी मेरी--!
जब मिले वो तो वफा रूठ गई
हाल दिल के भी न जानी मेरी--!
आसमानों पे छा रहे बादल
प्यास बारिस से पुरानी मेरी--!
दिल लिया है तो ये साँसे ले जा
मौत न बिन तेरे आनी मेरी--!
हर नज़र फिर भी दीवानी मेरी--!
फूल खिलते है बहारों में मगर
अधखिली है रातरानी मेरी--!
सब नजारों से कहो दूर रहें
ढल चुकी अब तो जवानी मेरी--!
आइना ढूढ रहा मुझ सा हंसी
पूछता मुझसे जुबानी मेरी--!
जब मिले वो तो वफा रूठ गई
हाल दिल के भी न जानी मेरी--!
आसमानों पे छा रहे बादल
प्यास बारिस से पुरानी मेरी--!
दिल लिया है तो ये साँसे ले जा
मौत न बिन तेरे आनी मेरी--!
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