हम लुटते जा रहे थे हसरतों के नाम पर छलती रही वफा हमें अपनो के नाम पर सोचा था कि चलते रहेंगे साथ रास्ते जुदा हुई है राह मंजिलों के नाम पर -शुभरात्री नीरू"निराली"
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