Friday, February 17, 2017

धुॅधला जीवन

धुँधली - धुँधली तस्वीरें हैं
धुँधला जीवन का खेल हुआ --------
जब उम्र ढली तब पता चला
कैसे लोगों से मेल हुआ -------------
तेरे जीवन का अंधियारा
आँखों के दीये से दूर किया ----------
जब आज हमारी बारी है
दिया बाती से दूर किया ---------
जब लड़खड़ाता बचपन था तेरा
मेरा हाथ तेरी बैशाखी थे --------
तुझे ऊँचाइयाँ छूने के लिए
मैंनें सबकुछ था बेच दिया -------
वक्त ने ऐसा बड़ा किया
मुझे बुड्डा तुझे जवान किया --------
कमज़ोर हाथ माँगने लगे
बैशाखी तेरे हाथों की --------
कंधा देने में वक्त अभी
धंधा भी मेरा बेच दिया --------
नीरू"निराली"

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